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अगस्त 28, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बस यूँ ही !!

ज़िन्दगी जब अपने हाथों से फिसलती महसूस होती है, पलकें खुली और आँखों में ख्वाहिश की चुभन महसूस होती है , तोड़ कर दे दो मुझे कोई मेरे ख्वाहिश के सितारों को , एविं ज़िन्दगी भी ज़बरदस्ती की महसूस होती है ..!!! यूँ तेरा शरमा के चले जाना कुछ तो बयां करती है , बेक़रारी ए दिल में नींद तुम्हें भी नहीं आती ; यूँ तो कसक इश्क की मेरे दिल में भी है , रह रह के टीस क्या तेरे दिल में नहीं आती ..??