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सितंबर 18, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अहसास

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अहसास , जी पहले कभी नहीं था , अब वो मेरी , पलकों पर सुबह कि नींद सा, अधरों पर कोमल स्पर्श सा, मन में गुदगुदाती हँसी सा, आँखों में कटी स्तब्ध शीतल रात सा, एक अनजाने से मुस्कान सा...... कुछ तो है , जो मुझे अपने दामन में हरदम खींचता रहता है ...!!!